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भगवान श्रीराम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना क्यों की थी?

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स्वागत है दोस्तों आपका आज के हमारे एक और नए आर्टिकल में, तो दोस्तों आप सभी हमारे भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में तो जानते ही होंगे। तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, यानी कि रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर के बारे में बताने वाले हैं। तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको रामेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से से जुड़े कुछ तथ्य एवम इतिहास के बारे में बताने वाले हैं, तो अगर आपको भी यह जानना है, तो इस आर्टिकल में बने रहिए, तो चलिए शुरू करते हैं।

रामेश्वरम शिवलिंग कहां है?

रामेश्वरम शिवलिंग हमारे भारत के तमिलनाडु के अंतर्गत रामनाथपुरम जिले के अंतर्गत स्थित है, जो कि हिंदूओ के बहुत ही ज्यादा पवित्र स्थान में से एक है। हम आपको बता दें कि इसे हमारे हिंदू धर्म में चार धामों में से एक भी माना जाता है, जहां की लाखों की संख्या में श्रद्धालु चार धाम की यात्रा करने हेतु यहां आते हैं। इतना ही नहीं रामेश्वरम में आपको शिव जी का एक मंदिर देखने को मिलेगा, और हम आपको बता दें कि इस मंदिर में आपको जो शिवलिंग देखने को मिलेगा, वह हमारे भारत देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसकी स्थापना स्वयं श्री राम जी ने यहां पर की थी। तो अब बात आती है कि आखिर श्री राम जी ने इस स्थान पर इस शिवलिंग की स्थापना क्यों की थी, तो इसका जवाब हमने आपको आगे इसी आर्टिकल में दिया है, इसलिए इसे पूरा जरूर पढ़ें।

भगवान श्री राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना क्यों की थी?

जब रावण ने सीता माता का हरण किया था, तब यह बात भगवान श्री राम जी को पता चली, तो वह लंका जाकर सीता माता को रावण से मुक्त करवाना चाहते थे, जिसके लिए वह अपनी सेना के साथ दक्षिण दिशा की ओर गए। लेकिन उन्होंने वहां पर देखा कि लंका और उनके बीच समुद्र था, जिसे की पार करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल था, रावण से लड़ाई करने से पहले श्री राम जी शिव जी की आराधना करना चाहते थे, इसलिए कहा जाता है कि रामेश्वरम के समुद्र तट पर रेत की मदद से भगवान श्री राम ने शिवलिंग का निर्माण किया था, और उसके बाद शिव जी की आराधना की थी। राम जी के द्वारा इस शिवलिंग की स्थापना करने के कारण ही इसे रामेश्वरम शिवलिंग कहा जाता है, जो कि आज हमारे भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। 

 

इतना ही नहीं, रावण का संहार करने के बाद ब्राह्मण मृत्यु का पश्चाताप करने हेतु भगवान राम ने इसी स्थान पर फिर से रेत से बने उस शिवलिंग की पूजा करके शिव जी की आराधना की थी, ताकि उन्हें ब्रह्म मृत्यु के पाप से मुक्ति मिल सके। तो इन कथाओं से हमें पता चलता है कि आखिर क्यों भगवान श्रीराम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना की थी।

रामेश्वरम में कितने शिवलिंग है?

तो दोस्तों हम आपको बता दें कि रामेश्वर के अंदर एक नहीं बल्कि दो लिंगम है, वैसे तो यहां मुख्य देवता के रूप में रामनाथस्वामी की पूजा की जाती है, जिसका निर्माण श्री राम जी ने समुद्र तट की रेत का इस्तेमाल करके किया था, जिसे की रामलिंगम के नाम से भी जाना जाता है। यहां दूसरे शिवलिंग के रूप में विश्व लिंगम मौजूद है, जिसे कि हनुमान जी के द्वारा कैलाश पर्वत से इस स्थान पर लाया गया था।

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Conclusion

तो दोस्तों उम्मीद है कि अब आपको रामेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग और उस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी, और आपको यह भी पता चल गया होगा कि आखिर भगवान श्री राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना क्यों की थी। तो अगर आप भी भगवान शिव के भक्त हैं, तो रामेश्वरम जाकर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करके, Shiv Chalisa करके शिव जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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